हैदराबाद के व्यापारी सतीश बाबू सना की शिकायत पर CBI के शीर्ष अधिकारी राकेश अस्थाना पर दर्ज एफआईआर में दावा किया गया है कि उन्हें पिछले वर्ष लगभग तीन करोड़ रुपये दिए थे। अस्थाना पर आरोप है कि वह जिस कारोबारी मोइन कुरैशी के खिलाफ जांच कर रहे थे, उससे उन्होंने रिश्वत ली।मोइन कुरैशी मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी का नेतृत्व अस्थाना कर रहे थे।शिकायत में सना ने दावा किया है कि मनोज ने उसका नाम हटवाने के एवज में सीबीआई ऑफिसर को देने के लिए पांच करोड़ रुपये मांगे थे। तीन करोड़ रुपये दिए जा चुके थे जबकि दो करोड़ रुपये उसे क्लीन चिट दिए जाने के साथ ही अदा करने पर बात हुई थी।
सना का बयान सीआरपीसी की धारा 164 के अंतर्गत मैजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराया गया, जो कि कोर्ट में भी मान्य होगा। सना ने यह भी दावा किया कि उसने सीबीआीई अफसर की फोटो सोमेश के वॉट्सऐप पर देखी है और उनकी पहचान अस्थाना के रूप में की थी।सतीश बाबू सना की शिकायत में इस बात का जिक्र कहीं भी नहीं है कि उसने अस्थाना को कभी देखा या उनसे खुद बातचीत की है।एफआईआर में देवेंद्र कुमार, मनोज प्रसाद, सोमेश प्रसाद समेत कई अन्य के साथ-साथ अस्थाना का नाम भी शामिल है। सना के मुताबिक, पैसा देने के बावजूद उसे पिछले महीने पूछताछ के लिए बुला कर उससे बचे हुए दो करोड़ रुपये देने के बारे में पता किया।
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