
भारत के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा चावन विकसित किया है, जो अनीमिया से बचाव करने में सक्षम है। भारत में अनीमिया की समस्या काफी विकराल है। इसी को देखते हुए डिपार्टमेंट ऑफ बायॉटेक्नॉलजी (DBT) के वैज्ञानिकों ने फ्लेवर में बिना बदलाव किए एक खास चावल बनाया है। इसे सामान्य चावल के साथ मिलाकर इस्तेमाल करने पर अनीमिया से बचाव में कारगर बताया जा रहा है।
DBT की तकनीक का इस्तेमाल कर टूटे हुए चावल को आयरन युक्त चावल में बदला गया है। यह देखने में बिल्कुल सामान्य चावल के जैसा ही है। वैज्ञानिकों के मुताबिक रोजाना सामान्य चावल के साथ इसे 1:100 के रेशियो में इस्तेमाल करने पर बच्चों में रोजाना के 50 फीसदी आयरन की पूर्ति हो जाती है।
DBT के मुताबिक, ‘क्लिनिकल अध्ययन में यह पाया गया है कि इसे एक साल तक नियमित तौर से खाने पर यह आयरन स्टोर बढ़ा देता है। साथ ही स्कूल जाने वाले बच्चों में अनीमिया भी खत्म करता है।’ नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक स्कूल जाने वाले 70 फीसदी बच्चे अनीमिया के शिकार हैं।
भारतीय जनसंख्या में शाकाहारी लोगों की संख्या ज्यादा है। पौधे आधारित खाद्य पदार्थों के इस्तेमाल से शरीर को आयरन की जरूरत पूरी नहीं हो पाती। इसी वजह से भारत की एक बड़ी आबादी अनीमिया की शिकार हो जाती है। ऐसे में इस तरह के नए प्रयोग कारगार साबित हो सकते हैं।
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