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दरअसल, जूस के साथ दवा लेने से दवा का असर बहुत कम हो जाता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव और एचसीएफआई के की माने तो अंगूर का रस शरीर में कुछ दवाओं को सोखने की क्षमता कम कर सकता है। वहीं संतरे और सेब का जूस भी दवाओं को सोख लेता है जिससे उनका असर कम हो जाता है। कनाडा स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ओंटारियो के अध्ययन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, अंगूर का रस ब्लड फ्लो में जाने वाली दवाओं की मात्रा को कम कर देता है।
अमेरिकन एकेडमी ऑफ फैमिली फिजिशियंस के डॉक्टरों ने कॉलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन की दवा लेने वाले मरीजों को अंगूर का रस न पीने की चेतावनी दी है।
शोध के अनुसार, अंगूर, संतरे और सेब का रस कैंसर की दवा एटोपोफोस, बीटा ब्लॉकर दवा एटेनोलोल और एंटी ट्रांसप्लांट रिजेक्शन ड्रग सिस्लोस्पोरीन, सिप्रोफ्लॉक्सासिन, लिवोफ्लॉक्सासिन व इट्राकॉनाजोल जैसे एंटीबायोटिक्स का असर कम कर देता है।
शोध के दौरान जब एलर्जी की दवा फेक्सोफेनाडाईन सादे पानी और अंगूर के रस के साथ ली गई तो पाया गया कि अंगूर के रस के साथ दवा लेने वालों में दवा का असर आधा ही हुआ।
दरअसल, फलों के रस में मौजूद तत्व दवा के सोखने की क्षमता को प्रभावित करते हैंष कुछ रसायन दवा को ले जाने वाले तत्वों को भी इफेक्ट करते हैं, जिससे दवा के सोखने की क्षमता कम हो जाती है।
आमतौर पर पानी के साथ दवा लेना सुरक्षित होता है। एक घूंट के बजाय एक गिलास पानी बेहतर होता है, क्योंकि यह दवा को घुलने में मदद करता है। ठंडे पानी की बजाए गर्म पानी ज्यादा अच्छा रहता है।
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