यह तो हम सभी जानते हैं कि एक बेहतर पर्सनैलिटी के लिए सिर्फ बोलना ही काफी नहीं होता, बल्कि आपको उतना ही अच्छा श्रोता होना भी बेहद जरूरी है। वैसे भी कहा जाता है कि एक बेहतर श्रोता ही एक अच्छा वक्ता बन सकता है।
लेकिन बहुत से लोगों की यह शिकायत होती है कि उन्हें यह पता ही नहीं होता कि वे वास्तव में एक अच्छा श्रोता कैसे बनें। तो चलिए आज हम आपको ऐसे कुछ तरीके बताते हैं, जिनकी मदद से आप एक गुड लिसनर बन सकते हैं-
सबसे पहले तो जब आप किसी ग्रुप डिस्कशन में हो तो आप तब तक न बोलें, जब तक आपसे बोलने के लिए न कहा जाए। साथ ही आप डिस्कशन के दौरान सिर्फ अपनी बारी का ही इंतजार न करें, बल्कि अन्य लोग जो कुछ भी कहें, उसे भी सुने।
वहीं आपको इस बात को भी समझना होगा कि अच्छे लिसनर का मतलब यह नहीं है कि आप सिर्फ इससे मतलब रखें कि क्या कहा गया है। बल्कि आप उन बातों को भी सुने व समझें, जो आपसे नहीं कही जा रही है।
इसलिए बोलने वाले को अच्छे से रीड करना होता है। उसकी बॉडी लैंग्वेज को समझना होता है। अगर आप इस कला में माहिर होना चाहते हैं तो एक साथ कई बातों पर गौर करें।
वहीं अच्छा सुनने के लिए विनम्रता की आवश्यकता होती है। अच्छे स्रोता बनने के लिए हर पल फोकस करने की जरूरत होती है। जब आप विनम्रता के साथ चीजों को अडॉप्ट करते हैंए तो ज्यादा से ज्यादा सीख पाते हैं।
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