वैसे तो श्रीलंका भारत का पड़ोसी देश है। जहां पर्यटन के लिए जाने वाले भारतीय नागरिक को पासपोर्ट ले जाना आवश्यक है। लेकिन श्रीलंका में भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। यहां की संस्कृति भारत से काफी कुछ मेल खाती है। श्रीलंका का एक छोटा सा पर्यटन स्थल त्रिंकोमाली में आप भारतीय संस्कृति की अद्भुत छलक देख सकते हैं। यहां का दर्शनीय स्थल अद्भुत हैं। आइए जाने त्रिंकोमाली के प्रमुख पर्यटन स्थल और उनकी खासियत के बारे में।
कन्निया गर्म जल स्त्रोतः
यह गर्म जल का स्त्रोत त्रिंकोमाली का एक प्राकृतिक अचंभा है। यहां पर पास पास में 7 चौकोर कुएं बने हुए हैं जिनमें गर्म जल का स्त्रोत है। इनकी गहराई अधिक नहीं है। इनके अंदर सिक्के डालने की परंपरा है और यहां का पानी हर मौसम में गर्म रहता है।
माना जाता है कि रावण ने खुदाई करके इन जल स्त्रोतों को उत्पन्न किया था। यह भी कहा जाता है कि रामायण में इसी जल स्त्रोत को गोकर्ण तीर्थ के नाम से जाना जाता है। यह त्रिंकोमाली खाड़ी में स्थित है।
त्रिंकोमाली प्राचीन मंदिरः
त्रिंकोमाली एक प्राचीन बंदरगाह है। त्रिंकोमाली शब्द एक तमिल भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है हिंदुओं का तीर्थ स्थल।। यहां एक प्राचीन हिंदू मंदिर है जहां भगवान शिव की पंचमुखी प्रतिमा स्थापित है। यहां अन्य देवी-देवताओं के मंदिर भी हैं।
थिरूकोनेश्वरम नाम से त्रिंकोमाली मे भगवान शिव का सबसे प्राचीन मंदिर है। जिसके अस्तित्व का अनुमान रामायण काल के समय से लगाया जाता है। इसका संबंध रावण और भगवान राम से माना जाता है।
दक्षिण कैलाश मंदिरः
इस मंदिर को दक्षिण कैलाश मंदिर कोनेश्वर मंदिर भी कहा जाता है। हिंदू प्राचीन धर्म ग्रंथ और कथाओं के अनुसार रावण ने यहां कैलाश का एक तुकडा लाकर रखा था। जिसके ऊपर त्रिंकोमाली बसा है इसलिए से दक्षिण कैलाश के नाम से भी जाना जाता है।
रावण रसातलः
रावण रसातल को वेट्टा के नाम से भी जाना जाता है। जिसका अर्थ है स्वामी चट्टान के बीच की दरार। माना जाता है कि चट्टान को रावण ने अपनी तलवार से काटकर बीच में दरार बनाया। इसी के ऊपर कोनेश्वर मंदिर स्थित है।
रावण रसातल के पास ही चट्टान से जुड़ा हुआ और एक तरह से समुद्र पर टंगा हुआ रावण की एक मूर्ति है। रावण की ये प्रतिमा काफी अनोखी है। क्योंकि जब भी हम रावण की प्रतिमा देखते हैं तो उन्हें बहुत रौद्र रूप में दिखाया जाता है। इस रावण की प्रतिमा में रावण के पास में वीणा रखी हुई है और रावण हाथ जोड़कर प्रणाम करने की मुद्रा पर है।उसका सर भी नीचे की ओर झुका हुआ है साथ ही यहां पर रावण की एक सिर वाली प्रतिमा दिखाई देती है।
इन मंदिरों के साथ-साथ शंकरी देवी शक्तिपीठ, साथ ही भद्रकाली पत्थरी कला अम्मा मंदिर, सल्ली मुथु मरियम्मा कोविला, लक्ष्मी नारायण मंदिर, बौद्ध विहार यह सारे तीर्थ स्थल श्रीलंका में भारत की झलक दिखाते हैं। खासतौर पर भारतीय तमिल संस्कृति की झलक यहां देखी जा सकती है।
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