
रेड जोनः वे जिले हैं जहां कोरोनावायरस के केस सबसे ज्यादा हैं। जहां पर कोरोनावायरस दिन प्रति दिन दुगनी तेजी से बढ़ रहा हैं। इस तरह के जिलों में प्राप्त कुल टेस्टिंग और निगरानी सुविधा संबंधी जानकारियों का ध्यान रखा जाता है। देश में अभी तक 130 जिलों को रेड जोन घोषित किया गया है। जिस जिले को रेड जोन घोषित गया है वहां लॉक डाउन का बहुत अधिक सख्ती से पालन किया जाएगा।
ग्रीन जोनः इसमें उन जिलों को रखा गया है जहां अब तक कोरोनावायरस का कोई भी कंफर्म मामला सामने नहीं आया है। या पिछले 21 दिनों में ऐसे कोई के सामने नहीं आए हैं जो कोरोना संक्रमित पाए गए हो। जिसका मतलब है कि यह जिला अभी तक फिलहाल कोरोना से पूर्ण रूप से मुक्त है। देश में ऐसे कुल 733 जिले में से 319 जिलों को ग्रीन जोन की श्रेणी में रखा गया है।
ऑरेंज जोनः इसमें वे जिले है जो ना तो रेड जोन में है ना ही ग्रीन जोन में है। इसका मतलब है कि दोनों श्रेणी से बचे हुए जिलों को ऑरेंज और में रखा गया है। इसमें फिलहाल 284 जून इस श्रेणी में आते हैं।
यह सारे मानक केंद्र सरकार के द्वारा तय किए गए हैं। हालांकि राज्य सरकार ने इस पर अपने हिसाब से कुछ छूट भी दी है। वह चाहे तो कुछ जिलों को रेड या ऑरेंज जून के रूप में सूचित कर सकते हैं। लेकिन जिस जिले को केंद्र सरकार ने रेड या ऑरेंज जोन में रखा है उसे वे बाहर नहीं निकाल सकते। रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन के साथ-साथ कंटेनमेंट जोन काफी चर्चा में रहता है। कंटेंटमेंट जोन को इलाकों के हिसाब से तय किया गया है। कंटेंटमेंट जोन रेड जोन के उस सीमित इलाके को कहा जाता है जहां पर कोरोनावायरस तेजी से फैल रहा है।
कंटेंटमेंट जोन तय करने के अलग-अलग नियम है शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में इसके तय करने के लिए अलग-अलग फार्मूले बनाए गए हैं। अगर किसी इलाके में कोरोनावायरस से संक्रमित कुछ मामले पाए जाते हैं। तो उससे 400 मीटर के अंदर तक के दायरे को कंटेनमेंट घोषित कर दिया जाता है।
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