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चिकन खाने के शौकीन हैं तो संभल जाइये । जुबां को लजीज लगने वाला चिकन सेहत को बहुत नुकसान पहुंचा रहा है। दरअसल, पॉल्ट्री फार्म मालिक चूजों को जल्दी बड़ा करने के लिए एंटीबायोटिक डोज दे रहे हैं। इससे वे एक महीने में बिक्री के लायक हो जाते हैं, लेकिन चिकन खाने वालों पर इसका बहुत बुरा असर पड़ रहा है। एंटीबायोटिक डोज से उनके शरीर में मौजूद बैक्टीरिया की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ रही है और इसी कारण बीमार होने पर दवाएं बेअसर साबित हो रही हैं।
राजधानी में करीब 35 रजिस्टर्ड पॉल्ट्री फार्म हैं। इनके जरिए करीब 3000 टन चिकन हर महीने तैयार होता है। चिकन कारोबारियों के मुताबिक, शहर में रोजाना करीब 1 लाख किलो मांस की खपत है।
हर दूसरे दिन देते हैं दवा
माल में पॉल्ट्री फार्म चलाने वाले इस्माइल ने बताया कि पीने के पानी में बच्चों को चूजों को हर दूसरे दिन दवा दी जाती है। इसकी डोज देने से 24 से 27 दिन में चूजे का वजन 1500 से 1750 ग्राम तक हो जाता है। दवा के साइड-इफेक्ट के कारण 10 हजार में 450चूजे मर भी जाते हैं।
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