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आईसीएमआर ने राज्यों को कोरोना वायरस की आंधाधुंध टेस्टिंग से बचने की सलाह दी है। आईसीएमआर का कहना है कि जिन्हें टेस्टिंग की जरुरत नहीं है उनकी जांच करने से कोई फायदा नहीं होगा बल्कि इसका नुकसान ही होगा। कोविड केस मैनेजमेंट की एक वर्चुअल मीटिंग के दौरान इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने यह सलाह दी है। साथ ही कहा गया कि कोरोना के इलाज में दवा का इस्तेमाल भी काफी सावधानीपूर्वक होना चाहिए।
बैठक में बताया गया कि सभी उपचारों का इस्तेमाल वहीं करना चाहिए जहां रोगियों की निगरानी संभव हो। इस दौरान यह भी ध्यान रखना अति आवश्यक है कि पर्याप्त ऑक्सीजन की व्यवस्था, एंटी-कोआगुलंट्स और सस्ती कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स की उचित और समय पर व्यवस्था हो सकेगी या नहीं।
आईसीएमआर ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रभावी उपचार की खोज के दौरान कई ऐसी दवाइयां भी है जिनका फिर से इस्तेमाल किया गया है। ये दवाइयां क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल का हिस्सा नहीं हैं और इन्हें DCGI से मान्यता नहीं मिली है। लेकिन इन्हें कोरोना इमरजेंसी में काम में लेने की अनुमति है।
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