आमतौर पर हर साल जब केदारनाथ के कपाट खोले जाते हैं तब इस दिव्य और दैविक पल के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में भीड़ इकट्ठा हो जाती थी। साधु संतों का ताता केदारनाथ मंदिर के आस-पास लग जाता था। कोरोना महामारी के दौरान प्रशासन ने भक्तों को मंदिर में अनुमति की प्रवेश नहीं दी। सीमित संख्या में सिर्फ पुजारी और वेद पीठ के प्रमुख ही केदारनाथ धाम में मौजूद रहे। पूजा के दौरान मंदिर में भोग लगाया गया, श्रंगार किया गया, आरती हुई, मंदिर को 10 क्विंटल फूल से भव्य तरीके से सजाया गया।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी सभी श्रद्धालुओं को बाबा केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की बहुत-बहुत शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि सभी के मनोरथ पूर्ण हो। इस कोरोना महामारी के वैश्विक संकट से भगवान केदारनाथ की आराधना से जल्द मुक्त हो सके। साथ ही उन्होंने सोशल डिस्टेंस का पालन करने, घर पर रहने, सुरक्षित रहने का भी अनुरोध किया।
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